Friday, 13 January 2017

हो उन्नति के पथ पर अग्रसर

संभाल ये डगमगाते कदम
बन अविचल, निर्भय, निडर
हो उन्नति के पथ पर अग्रसर।

हो प्रेरित तरंगिणी से
न रोक पाए जिसे अश्म
है जिस प्रकार हिमालय खड़ा
अडिग, अचल, दृढ़।

सैंकड़ों मुकाम हैं बाकी
एक हार  से न कर खुद को खत्म
हो उन्नति के पथ पर अग्रसर।



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